Khamoshi Shayari in Hindi: दोस्तो आज हम आपके लिए लेकर आए है जबरदस्त खामोशी शायरी (Khamoshi Shayari in Hindi) जो आपको पढ़के बहुत ही मजा आयेगा। अगर हमारी साइट में साझा किए गए शायरी आप सभी को पसंद आ रहा है तो शेयर करे अपनी दोस्त, गर्लफ्रेंड और WhatsApp, Facebook or Instagram पर।
KHAMOSHI SHAYARI
जब से ग़मों ने मेरी जिंदगी मेंअपनी दुनिया बसाई है,दो ही साथी बचे है अपनेएक ख़ामोशी और दूसरी तन्हाई है।
ये तुफान यूँ ही नहीं आया है,इससे पहले इसकी दस्तक भी आई थी,ये मंजर जो दिख रहा है तेज आंधियों काइससे पहले यहाँ एक ख़ामोशी भी छाई थी।
खामोशी में भी प्यार होता है,इसे महसूस करके तो देखो,बड़ा वफादार होता है,इसे आजमाकर तो देखो।
रात गुम सुम है मगर खामोश नहीं,कैसे कह दूँ आज फिर होश नहीं,ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में,हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहींं।
रहना चाहते थे साथ उनके परइस ज़माने ने रहने ना दिया,कभी वक्त की खामोशी मे खामोश रहे तो,कभी उनकी खामोशी ने कुछ कहने ना दिया।
खामोसियाँ तेरी मुझसे बाते करती है,मेरी हर आह हर दर्द समझती है,पता है मजबूर है तू भी और मै भीफिर भी आँखे तेरे दीदार को तरसती है।
इंसान की अच्छाई पर सबखामोश रहते हैं, चर्चा अगर उसकीबुराई पर हो तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं!
कौन कहता है की ख़ामोशी कुछ बयान नहीं करती,ख़ामोशी बहुत कुछ बयान करती है,मगर उसे पढ़ने वाला होना चाहिए!
मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती है,बड़ी शातिर है ये दुनिया बहाना ढूंढ लेती है,हकीकत जिद किये बैठी है चकनाचूर करने को,मगर हर आंख फिर सपना सुहाना ढूंढ लेती है।
खामोश होंठ अक्सर कुछ बयान करते है,आंखों से आंसू गुमनाम बह जाते है,लव चाहते है कुछ बोलना परउन्हे देखकर खामोश हो जाते है।
हमारी ख़ामोशी ही हमारी कमजोरी बन गयी,उन्हें कह ना पाए दिल के जज़्बातऔर इस तरह से उनसे इक दूरी बन गयी।
DARD KHAMOSHI SHAYARI
ये दुनिया बड़ी जालिम है,उसे आपकी ख़ामोशी से क्या लेना,इस दुनिया को तो बस आपकेदर्द से मजा लेना से है।
ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना,अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना,जिन्दगी का असली दर्द लेना हो तोबस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना।
उसके बिना अब चुपचुप रहना अच्छा लगता है,ख़ामोशी से दर्द को सहना अच्छा लगता है,मिल कर उस से बिछड़ ना जाऊं डरती रहती हूँ,इसलिए बस दूर ही रहना अच्छा लगता है।
मेरी खामोशी थी जो सब कुछ सह गयी,उसकी यादें ही अब इस दिल में रह गयी,थी शायद उसकी भी कोई मज़बूरी,जो मेरी जिंदगी की कहानी अधूरी ही रह गयी!
मैं अब खामोश रहना चाहता हूं,मैं अब किसी से मिलना नहीं चाहता हूं,इस दुनिया से मन उठ चुका है मेरा,मैं अब किसी से रिश्ता बनाना नहीं चाहता हूं।
किसी की खामोशी को उसकीकमजोरी मत समझ लेना,क्योंकि एक चिंगारी ही काफी होती हैसारे शहर को आग लगाने को।
खामोशी से गुजरी जा रही है जिंदगी,ना खुशियों की रौनक ना गमों का कोई शोर,आहिस्ता ही सही पर कट जायेगा ये सफ़र,पर ना आयेगा दिल में उसके सिवा कोई और।
अजीब है मेरा अकेलापनना खुश हूँ, ना उदास हूँबस अकेला हूँ और खामोश हूँ।
भीगी आँखों से मुस्कुराने का मजा और है,हँसते हँसते पलके भिगोने का मजा और है,बात कह के तो कोई भी समझ लेता है,खामोशी को कोई समझे तो मजा और है।
छोड़ो अब जाने भी दो यार
क्या करोगे सुनकर दास्ताँ मेरी,
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं
और बयाँ हमसे कुछ होगा नहीं।
मोहब्बत नहीं थी तो एक बारसमझाया तो होता,नादान दिल तेरी खामोशी कोइश्क समझ बैठा।
खामोशी सी छा जाती है,उम्मीद भी खो जाती है,शिकायत भी नहीं कर पाते,दर्द हद से ज्यादा है जब बढ़ जाते।
2 LINE KHAMOSHI SHAYARI
जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं,तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं।
तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए,तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए!
क्या लिखूं दिल की हकीकत आरजू बेहोश है,खत पर है आंसू गिरे और कलम खामोश है।
इश्क की राहों में जिस दिल ने शोर मचा रखा था,बेवफाई की गलियों से आज वो खामोश निकला।
एक उम्र ग़ुज़ारी हैं हमने तुम्हारी ख़ामोशी पढ़ते हुए,
एक उम्र गुज़ार देंगे तुम्हें महसूस करते हुए।
बातें किया कीजिए गलतफहमी दूर करने के लिए,क्योंकि ख़ामोशी से उलझे रिश्ते सुलझा नहीं करते।
किताब सी शख्सियत दे ऐ मेरे खुदा,सब कुछ कह दूँ खामोश रहकर।
जब खामोशी कमजोरी बन जाती है,तो खूबसूरत रिश्तों में दरारे आ जाती है।
शोर तो गुजरे लम्हे किया करते हैं जिंदगी में अक्सर,वो तो आज भी हमारे पास से ख़ामोशी से गुजर जाते हैं।
खामोशियाँ यूं ही बेवजह नहीं होतीं
कुछ दर्द भी आवाज़ छीन लिया करतें हैं।
ना आह सुनाई दी ना तड़प दिखाई दी,
फ़ना हो गए तेरे इश्क़ में बड़ी ख़ामोशी के साथ।
खामोशियाँ कर दें बयाँ तो अलग बात है,कुछ दर्द है जो लफ्जो में उतारे नहीं जाते।
शिकायतें तो बहुत हैं उनसे मेरी पर क्या करूँ,ये जो ख़ामोशी है मुझे कुछ कहने ही नहीं देती।
ख़ामोश शहर की चीखती रातें,सब चुप हैं पर, कहने को है हजार बातें।
बातों को कोई ना समझे
बेहतर है खामोश हो जाना।
लफ़्ज़ों का काम है झूठ कहना,
खामोशी हमेशा सच बयां करती है।
खामोशी शायरी
जब कोई ख्याल दिल से टकराता हैं,दिल ना चाह कर भी ख़ामोश रह जाता हैं,कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता हैं,कोई कुछ ना कहकर भी सब बोल जाता हैं।
हर पल हर लम्हा हम होते बेक़रार है,तुझसे दूर होते है तो लगता है लाचार है,बस एक बार देखो आँखों में मेरी,मेरे इस दिल में तेरे लिए कितना प्यार है।
शिकवा शिकायत ही कर डालो केकुछ वक़्त कट जाए, होंठो पर आपकेसनम यह खामोशी अच्छी नहीं लगती।
मैं खामोशी तेरे मन कीतू अनकहा अलफाज़ मेरा,मैं एक उल्झा लम्हातू रूठा हुआ हालात मेरा।
मुझे खामोश राहों में तेरा साथ चाहिए,तन्हा है मेरा हाथ तेरा हाथ चाहिए,जूनून ए इश्क को तेरी ही सौगात चाहिए,मुझे जीने के लिए तेरा ही प्यार चाहिए।
मुस्कुराने से किसी का किसी से प्यार नहीं होता,
आश लगाने का मतलब सिर्फ इंतजार नहीं होता,
माना खामोश था मैं उस वक्त,
पर मेरी ख़ामोशी का मतलब इंकार नहीं होता।
हर खामोशी का मतलब इंकार नहीं होता,हर नाकामयाबी का मतलब हार नहीं होता,तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें ना पा सकेसिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता।
तमाम शिकायते इस दिल की भी है,तुझसे पर किस हक से नाराजगी जताऊं,बस यही सोचकर हर बार खामोश रह जाता हूं।
खामोशी की भी अपनी एक अलगही अहमियत होती है, तितलियाँ अपनीखूबसूरती का बखान नहीं किया करती।
रात हुई जब हर शाम के बाद,
तेरी याद आयी हर बात के बाद,
हमने खामोश रह कर भी महसूस किया,
तेरी आवाज़ आयी हर सांस के बाद।
आपको देख कर यह निगाह रुक जाएगी,
ख़ामोशी अब हर बात कह जाएगी,
पढ़ लो अब इन आँखों में अपनी मोहब्बत,
कसम से सारी कायनात इसे सुनने को थम जाएगी।
HEART TOUCHING KHAMOSHI SHAYARI
चाहतों ने किया मुझ पर ऐसा असरजहाँ देखू में देखु तुझे हमसफ़र,मेरी खामोशियां मेरी ज़ुबान बन गयी,मेरी वैचानिया मेरी दास्तान बन गयी !
बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं,हम एक दूसरे के करीब सेफिर भी दिलों का शोर सुनाई दे ही जाता है।
हर इल्जाम का हकदार वो हमे बना जाते है,
हर खता कि सजा वो हमे सुना जाते है,
हम हर बार खामोश रह जाते है,
क्योकि वो अपना होने का हक जता जाते है!
इस नखरेवाली ने मार डाला,तेरी इन गजब अदाओं ने मार डाला,हम खामोशी से देखते ही रह गए,तुमने तो हमारी खामोशी को ही मार डाला।
खामोशियां अक्सर कलम से बया नहीं होती,अँधेरा दिल में हो तो रौशनी से आशना नहीं होती,लाख जिरह कर लो अल्फाज़ो में खुद को ढूंढ़ने की,मगर जले हुए रिश्तो से रोशन शमा नहीं होती।
उसे लगता है कि मुझे उसकीचालाकियॉं समझ नहीं आती,मैं बड़ी ख़ामोशी से देखता हूँ उसेअपनी नजरों से गिरते हुए।
मोहब्बत की गलियों में जहाँख़ुशी और चहचहाट का डेरा था,उन्ही मोहब्बत की गलियों में आजदुःख और ख़ामोशी का डेरा है।
खामोशियां कभी बेवजह नही होती,कुछ दर्द ऐसे भी होते है,जो आवाज छीन लेती है।
ख्वाइश तो यही है की तेरी बाहों में पनाह मिल जाये,शमा खामोश हो जाए और शाम ढल जाये,और तेरी बाहों से हटने से पहले ये शाम हो जाये।
खामोश हो जाती है ये दिलतेरे रूठ जाने से,ना कर मुझे तु ऐसे रुख़्सत,वरना दूर हो जाऊंगा इस जमाने से।
तुझे अल्फ़ाज़ की ज़रूरत कहा है,
तेरी ख़ामोशी में ही ज़ुबा है,
अल्फाज़ो को ही समझे वो केसा यार,
जो ख़ामोशी को समझे वही सच्चा प्यार।
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